Bihar Mahila Rojgar Yojana 2 Lakh Update: बिहार सरकार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना (एमएमआरवाई) ने महिलाओं के सशक्तिकरण में एक नया अध्याय जोड़ा है। 26 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च की गई यह योजना राज्य की हर परिवार की एक महिला को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने पर केंद्रित है। हालिया अपडेट के अनुसार, योजना के तहत पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपये पहले ही लाखों महिलाओं के खातों में पहुंच चुके हैं, जबकि दूसरी किस्त के रूप में 2 लाख रुपये तक की अनुदान राशि अब व्यवसायिक आकलन के बाद वितरित की जा रही है। यह राशि गैर-वापसी योग्य है, यानी महिलाओं को इसे लौटाने की कोई बाध्यता नहीं है। नवंबर 2025 में बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद योजना को और मजबूती मिली है, जिससे 1 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य तेजी से पूरा हो रहा है।
योजना का मुख्य उद्देश्य बिहार की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। ग्रामीण विकास विभाग के तहत बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) द्वारा संचालित यह पहल शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों की महिलाओं को लक्षित करती है। हर परिवार से एक महिला को अपनी पसंद का छोटा व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है, जैसे कि सिलाई केंद्र, किराना दुकान, हस्तशिल्प या डेयरी फार्मिंग। सरकार का दावा है कि इससे न केवल महिलाओं की आय बढ़ेगी, बल्कि राज्य की समग्र अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। लॉन्च के समय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि यह योजना ‘विकसित बिहार’ के सपने को साकार करने का माध्यम बनेगी।
पात्रता मानदंड सरल लेकिन सख्त हैं, ताकि वास्तविक जरूरतमंद महिलाओं तक लाभ पहुंचे। आवेदिका की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। परिवार की परिभाषा में पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे शामिल हैं; अविवाहित महिलाओं को एकल परिवार माना जाता है यदि उनके माता-पिता जीवित न हों। महत्वपूर्ण शर्त यह है कि आवेदिका या उनके पति आयकर दाता न हों और सरकारी नौकरी (नियमित या संविदा) में न हों। ग्रामीण क्षेत्रों में जीविका स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) से जुड़ना अनिवार्य है, जबकि शहरी क्षेत्रों में स्थानीय एसएचजी से जुड़ी महिलाएं पात्र हैं। योजना का लाभ एक परिवार से केवल एक महिला ही ले सकती है, जिससे समावेशिता सुनिश्चित होती है।
आवेदन प्रक्रिया डिजिटल और पारदर्शी बनाई गई है। ग्रामीण महिलाओं को अपने ग्राम संगठन में जाकर समेकित फॉर्म भरना होता है, जबकि शहरी महिलाएं आधिकारिक वेबसाइट mmry.brlps.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। आवेदन के दौरान आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण (खाता संख्या, आईएफएससी कोड), मोबाइल नंबर और व्यवसाय का प्रकार दर्ज करना पड़ता है। दस्तावेजों में आधार, बैंक पासबुक की फोटो, फोटोग्राफ और हस्ताक्षर की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होती है। आवेदन के बाद सामुदायिक संसाधन व्यक्ति (सीआरपी) द्वारा सत्यापन किया जाता है। पहले से एसएचजी से जुड़ी महिलाओं को दोबारा आवेदन की जरूरत नहीं; उन्हें सीधे सूचीबद्ध किया जाता है।
योजना के लाभ दो चरणों में वितरित होते हैं, जो महिलाओं के व्यवसाय को मजबूत बनाने पर जोर देते हैं। पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपये तत्काल दिए जाते हैं, जो व्यवसाय शुरू करने में सहायक होते हैं। यह राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से बैंक खाते में सीधे पहुंचती है। दूसरी किस्त 2 लाख रुपये तक की है, जो व्यवसाय शुरू होने के बाद आकलन के आधार पर प्रदान की जाती है। यह अनुदान गैर-वापसी योग्य है और आवश्यकतानुसार दी जाती है, जैसे कि मशीनरी खरीदने या विस्तार के लिए। कुल मिलाकर, योजना से 75 लाख से अधिक महिलाओं को लक्षित किया गया है, जिनमें से 21 लाख को पहले ही पहली किस्त मिल चुकी है।
दूसरी किस्त के लिए आकलन प्रक्रिया व्यवसाय की सफलता पर निर्भर करती है। व्यवसाय शुरू करने के 6 महीने बाद एक टीम गठित की जाती है, जो महिलाओं के कार्यस्थल का दौरा कर मूल्यांकन करती है। यदि व्यवसाय चल रहा है और विस्तार की जरूरत है, तो 2 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हो जाती है। यह आकलन पारदर्शी है और जीविका के विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है। यदि व्यवसाय असफल पाया जाता है, तो वैकल्पिक प्रशिक्षण या मार्गदर्शन दिया जाता है। नवंबर 2025 तक, हजारों महिलाओं के आकलन पूरे हो चुके हैं, और पहली बैच की 2 लाख राशि वितरण शुरू हो गई है।
नवंबर 2025 के अंत तक योजना में महत्वपूर्ण अपडेट आए हैं। 7 नवंबर को सातवीं किस्त जारी की गई, जबकि 21 नवंबर को आठवीं किस्त के साथ 2 लाख रुपये की पहली लॉट महिलाओं के खातों में पहुंचेगी। इसके बाद 28 नवंबर, 5 दिसंबर आदि तारीखों पर बाकी किस्तें आएंगी। बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए की भारी जीत (202 सीटें) के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की कि योजना निर्बाध चलेगी और बजट बढ़ाया जाएगा। भाजपा को 89 और जेडीयू को 85 सीटें मिलीं, जिससे विपक्षी महागठबंधन को करारा झटका लगा। इससे योजना का विस्तार सुनिश्चित हो गया है।
लाभार्थी स्थिति जांचना आसान है। आधिकारिक पोर्टल mmry.brlps.in पर जाकर जिला, पंजीकरण संख्या, मोबाइल या आधार डालकर ‘पेमेंट स्टेटस’ चेक करें। ओटीपी सत्यापन के बाद किस्त विवरण दिखेगा। बैंक पासबुक या एसबीआई योनि ऐप पर ‘एमएमआरवाई’ या ‘बीआरएलपीएस’ से ट्रांजेक्शन देखें। एसएचजी सदस्य अपने समूह नेता से संपर्क कर सकते हैं। हेल्पलाइन 1800-345-6215 पर कॉल करें। पेमेंट लिस्ट में नाम कटने की शिकायतें आईं, लेकिन सरकार ने स्पष्टीकरण दिया कि यह सत्यापन के कारण था।
योजना का प्रभाव पहले ही दिखने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं छोटे उद्यम चला रही हैं, जिससे परिवार की आय 20-30% बढ़ी है। एनडीए सरकार का ‘मिशन करोड़पति’ महिलाओं को लखपति बनाने पर फोकस कर रहा है। हालांकि, विपक्ष ने चुनावी लाभ के लिए योजना का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे वैध ठहराया। भविष्य में योजना को राष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित करने की योजना है।
कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना बिहार की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। 2 लाख रुपये की अनुदान राशि से लाखों महिलाएं उद्यमी बनेंगी, और राज्य आत्मनिर्भर बनेगा। यदि आप पात्र हैं, तो तुरंत आवेदन करें और अपने सपनों को उड़ान दें। यह न केवल आर्थिक सहायता है, बल्कि सशक्तिकरण की क्रांति है।