PM Jan Man Yojana 2025: बिहार के जनजातीय परिवारों को पक्का घर बनाने के लिए मिलेगा ₹2 लाख की सरकारी सहायता – लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया

PM Jan Man Yojana 2025 का परिचय

PM Jan Man Yojana 2025: प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जानमन) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जो विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के कल्याण के लिए 15 नवंबर 2023 को शुरू की गई थी। यह योजना 2023-24 से 2025-26 तक चलेगी और इसका मुख्य उद्देश्य इन समुदायों को मूलभूत सुविधाओं जैसे आवास, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका से वंचित न रखना है। योजना के तहत कुल 24,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो नौ केंद्रीय मंत्रालयों के माध्यम से लागू होगी। बिहार सहित 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पीवीटीजी परिवारों को लक्षित किया जा रहा है।

PM Jan Man Yojana 2025: बिहार के जनजातीय परिवारों को पक्का घर बनाने के लिए मिलेगा ₹2 लाख की सरकारी सहायता – लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया

योजना के उद्देश्य

पीएम-जानमन योजना का प्रमुख लक्ष्य पीवीटीजी समुदायों को विलुप्त होने से बचाना और उन्हें मुख्यधारा में लाना है। इसमें पक्के मकान, स्वच्छ पानी, सड़कें, मोबाइल मेडिकल यूनिट, छात्रावास और आजीविका के अवसर प्रदान करना शामिल है। आवास घटक के तहत 4.90 लाख पक्के मकानों का निर्माण किया जाना है, जो प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के माध्यम से संचालित होगा। योजना जनजातीय परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनकी जीवन स्तर को ऊंचा उठाने पर केंद्रित है।

पात्रता मानदंड

इस योजना के लाभ के लिए परिवार को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) का होना अनिवार्य है, जैसे बिहार में असुर, बिरहोर, बिरजिया, हिल खरिया, कोरवा, माल पहाड़िया, परहैया, सौरिया पहाड़िया और सावर जैसी नौ जनजातियां। परिवार के पास पहले से कोई पक्का मकान नहीं होना चाहिए और परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नियुक्त न हो। लाभार्थियों की पहचान राज्य सरकारों द्वारा भौतिक सर्वेक्षण के माध्यम से की जाती है, जो पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर मोबाइल ऐप के जरिए दर्ज की जाती है। जिला स्तरीय समिति (डीएलसीसी) द्वारा सत्यापन के बाद ही पात्रता सुनिश्चित की जाती है।

आवास निर्माण के लाभ

आवास घटक के तहत प्रत्येक पात्र पीवीटीजी परिवार को पक्का मकान बनाने के लिए 2 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि चार बराबर किश्तों (प्रत्येक 50,000 रुपये) में दी जाती है: पहली किश्त मकान स्वीकृति के बाद, दूसरी प्लिंथ स्तर पर, तीसरी लिंटल स्तर पर और चौथी छत पूर्ण होने पर। इसके अलावा, मनरेगा के तहत लगभग 27,000 रुपये मजदूरी के रूप में और स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12,000 रुपये शौचालय निर्माण के लिए दिए जाते हैं, जिससे कुल सहायता 2.39 लाख रुपये तक पहुंच जाती है। यह पहले पीएमएवाई-जी के 1.20 लाख रुपये से वृद्धि है।

बिहार में योजना का कार्यान्वयन

बिहार सरकार ने पीएम-जानमन के तहत नौ पीवीटीजी समूहों के 1,308 परिवारों को पक्के मकान प्रदान करने का निर्णय लिया है। ये परिवार बांका, कैमूर, भागलपुर, गया, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा, नवादा, पूर्णिया और सुपौल जिले में निवास करते हैं। योजना के तहत आधुनिक सुविधाओं वाले मकान बनाए जाएंगे, जो इन जनजातियों को बेहतर जीवन प्रदान करेंगे। राज्य स्तर पर सर्वेक्षण चल रहा है, और लाभार्थियों को ‘आवास’ पोर्टल पर दर्ज किया जा रहा है।

आवेदन प्रक्रिया

आवेदन के लिए कोई सीधी ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं है; लाभार्थियों की पहचान जिला और ब्लॉक स्तर पर सर्वेक्षण से होती है। राज्य सरकारें पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर डेटा अपलोड करती हैं, जहां जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति सत्यापन करती है। एक बार पात्रता निर्धारित होने पर, परिवार का पंजीकरण ‘आवास’ पोर्टल पर किया जाता है। फिर डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार कर मंत्रालय को भेजी जाती है। स्वीकृति के बाद धनराशि डीबीटी के माध्यम से बैंक खाते में हस्तांतरित होती है। जागरूकता के लिए ग्राम सभा और स्थानीय भाषा में आईईसी अभियान चलाए जाते हैं।

निगरानी और अतिरिक्त सहायता

PM Jan Man Yojana 2025: योजना की प्रगति की निगरानी गतिशक्ति पोर्टल और पीएफएमएस के माध्यम से की जाती है, जिसमें भौतिक और वित्तीय लक्ष्यों का मूल्यांकन शामिल है। तीसरे पक्ष द्वारा मूल्यांकन, सामाजिक ऑडिट और जिला रैंकिंग के आधार पर पुरस्कार दिए जाते हैं। इसके अलावा, योजना अन्य योजनाओं जैसे मनरेगा और स्वच्छ भारत से अभिसरण करती है। यदि कोई परिवार भूमि उपलब्धता या निर्माण में समस्या का सामना करता है, तो ब्लॉक स्तर की कार्यान्वयन टीम सहायता प्रदान करती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि मार्च 2026 तक सभी लक्ष्य पूर्ण हो जाएं।

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