UP Police Constable Exam 2024 Update: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में सख्त होंगे नियम, प्रदेश सरकार करेगी कड़ी निगरानी।

UP Police Constable Exam 2024 Update: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में सख्त होंगे नियम, प्रदेश सरकार करेगी कड़ी निगरानी।

UP Police Constable Exam 2024 Update:

यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए प्रदेश सरकार ने पूरी तरह अपनी कमर कस ली है। एग्जाम से जुड़ी हर छोटी से छोटी चीज पर बारीकी से ध्यान दिया जाएगा। पेपर छपाई से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक सब कुछ कड़ी निगरानी में होगा।

UP Constable Exam Date:

उत्तर प्रदेश में 60244 पदों पर लिखित सिपाही भर्ती परीक्षा 68 जिलों के 1174 केंद्रों पर होगी। यह परीक्षा 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त को भर्ती बोर्ड द्वारा आयोजित की जाएगी। प्रदेश सरकार इस बार सुरक्षा को लेकर काफी सतर्क है। सिपाही भर्ती परीक्षा पहली बार केवल सरकारी सरकारी सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में ही परीक्षा कराई जाएगी। 23 अगस्त से 31 अगस्त तक होने वाली सिपाही भर्ती परीक्षा में इस बार पेपर की छपाई से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक की कड़ी निगरानी हो रही है।

पुलिस, एसटीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड इस बार पेपर लीक को रोकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। माइक्रोलेवल पर केंद्रों की निगरानी के साथ ही हर उस बिंदु को खंगाला जा रहा है जहां से पेपर लीक होने के एक प्रतिशत भी आशंका है।

UP Police Constable Re-exam Date:

सूत्रों के मुताबिक भर्ती परीक्षा से जुड़े पेपर छापने, उनके ट्रांसपोर्टेशन, जिनकी सूचना काफी गोपनीय होती है, का काम करने वाली एजेंसियों की निगरानी के लिए विशेष टीम को लगाया गया है। पेपर छापने से ट्रांसपोर्टेशन के काम में लगाए गए लोगों और उनके करीबियों का एक-एक ब्यौरा गोपनीय रूप से खंगाला जा रहा है। पिछली परीक्षा में ट्रांसपोर्टेशन के काम में लगे लोगों के जरिए ही पेपर लीक कराया गया था। इस बार बोर्ड ऐसी कोई चूक नहीं चाहता है।

पेपर लीक मामले की सच्चाई सामने:

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा पेपर लीक या परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ियों के बारे में सूचनाओं को लेकर जारी किए गए वॉट्स एप नंबर और ईमेल आईडी पर शिकायतें व सूचनाएं आना शुरू हो गया है। कुछ लोगों ने जानकारी दी है कि टेलीग्राम ऐप और सोशल मीडिया के दूसरे प्लैटफॉर्म से लोग पेपर लीक व सॉल्वर दिलवाने के लिए संपर्क सूत्र के बारे में बताने लगे हैं। ऐसी सभी शिकायतों को चेक किया जा रहा है। एसटीएफ को कुछ ऐसे सोशल मीडिया ग्रुप के बारे में भी जानकारी मिली है जिन्हें परीक्षा में अनुचित मदद के लिए बनाया गया है। बीते 15 वर्षों के दौरान पेपर लीक से जुड़े रहे एक-एक गैंग और उनके सभी सदस्यों का ब्यौरा खंगाला जा रहा है।

रद्द हुई सिपाही भर्ती परीक्षा में जितने भी सॉल्वर गैंग, पेपर लीक गैंग के लोग पकड़े गए और उनके खिलाफ जो मुकदमे हुए उन सभी की निगरानी की जा रही है। जो लोग अंडरग्राउंड हैं उनके बारे में जिला पुलिस एसटीएफ की मदद से पता लगा रही है। उन लोगों को भी तलाशा जा रहा है जो उन मुकदमों में अभी तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं। साथ ही गिरफ्तार हुए वे लोग जो जमानत पर जेल से बाहर आ गए हैं उनकी भी गहनता से तलाश की जा रही है।

STF कर रही है जांच:

जितने भी परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं उन्हें एसटीएफ ने रीचेक किया जा रहा है। यह देखा जा रहा है कि किसी केंद्र में कोई दागी या पेपर लीक का कोई जरिया तो नहीं है। एसटीएफ की टीमें यूपी, बिहार, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के पेपर लीक गैंग से जुड़े एक-एक आदमी का ब्यौरा खंगाल रही है। उन सफेदपोशों पर भी नजर रखी जा रही है जिनका पेपर लीक के मामले में पुराना रिकार्ड रहा है।

एसटीएफ सिपाही भर्ती परीक्षा व आरओ-एआरओ परीक्षा लीक के मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्रा के गैंग, उसकी करीबी शिवानी, हरियाणा के मोनू ढाकला गैंग और उसके मददगार दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम पहल, बिहार के सुभाष मुखिया, शुभम मंडल, शिवम गिरि गैंग के लोगों की विशेष निगरानी कर रही है। जिसका पेपर लीक से जुड़ा कोई भी इतिहास रहा है उसकी धरपकड़ की जा रही है।

कानून के सामने चुनोतीयां:

खुफिया इकाइयों से आला अफसरों को यह जानकारी मिली है कि अगर पेपर लीक या किसी तरह की गड़बड़ी परीक्षा में सामने आती है तो यह कानून व्यवस्था के लिए चुनौती हो सकती है। विपक्षी दल भी इस पूरे मामले में सरकार को घेरने के लिए तैयार बैठे हैं। इसे देखते हुए स्थानीय खुफिया इकाइयों के साथ केंद्रीय खुफिया इकाइयां भी सक्रिय हैं।

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